सुंदरकांड का पाठ शनिवार और मंगलवार करने से आपकी सभी परेशानियाँ दूर हो जाती है। जिस जगह यह पाठ किया जाता है वहा नकारात्मक उर्जा का वास नहीं होता। सभी घर में आत्मविश्वास से पूर्ण हो जाते है। ग्रहों की दशा सुधर जाती है। शनि की साढ़े साती व ढैय्या में इसका प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है। इसके पाठ से हनुमान भक्तो पर शनि की विशेष कृपा रहती है। सुंदरकांड का पाठ करने वाले भक्त को हनुमान जी बल प्रदान करते हैं। उसके आसपास भी नकारात्मक शक्तिभटक नहीं सकर्ती, इस तरह की शक्ति प्राप्त करता है वह भक्त। जब भक्त का आत्मविश्वास कम हो जाए या जीवन में कोई काम ना बन रहा हो, तो सुंदरकांड का पाठ करने से सभी काम अपने आप ही बनने लगते हैं। हनुमान भक्त पर शनिदेव की कृपा स्वतः बरसने लगती है।
मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ के दान करने के अलावा कंबल का दान किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन कंबल दान से भगवान का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जीवन में शीतकालीन कष्टों से राहत मिलती है। यह दान कुंडली के शनि और राहु दोष को शांत करता है।
ज्योतिष शास्त्र में काले तिल को नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि नजरदोष से छुटकारा पाने के लिए लोहड़ी के दिन काले तिल लोहड़ी की आग्नि में डालकर अच्छे स्वास्थ्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करते हैं।
लोहड़ी पर जब लकड़ियां पूरी तरह से जल जाती हैं तो सभी उपस्थित व्यक्ति उस अग्नि की तीन बार परिक्रमा करते हैं। सभी खाने की वस्तुओं को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है। अग्नि समाप्त होने के बाद कुछ अधजली लकड़ी को जाते समय घर ले जाते हैं क्योंकि माना जाता है कि वह लकड़ी घर की पश्चिम दिशा में रखने से घर पर दुष्ट आत्माओं का प्रभाव नहीं होता।
यह मस्तिष्क में स्थित सहस्र चक्र से संबंधित है जो कि संसार के साथ हमारा संबंध स्थापित करता है।
साहस, ताकत, नाम और पैसा कमाने में 9 मुखी रुद्राक्ष मदद करता है।
यह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के कार्यों को नियंत्रित करता है।
चक्कर आना, त्वचा विकारों या किसी तरह के फोबिया से ग्रस्त लोगों को 9 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से फायदा होता है।
यह रुद्राक्ष फेफड़े, बुखार, आंखों में दर्द, आंतों में दर्द, त्वचा रोग, बदन दर्द, आदि के रोगों को ठीक करने में बहुत उपयोगी माना जाता है।
गणेश रुद्राक्ष को भगवान गणपति का साक्षात रूप माना जाता है। इसे भगवान गणेश का प्रत्यक्ष आशीर्वाद माना गया है। यह आपके सफल होने की संभावनाएं बढ़ाता है, और प्रसिद्धि और समृद्धि को आकर्षित करता है। यह आपके जीवन में धन प्रवाह को बढ़ाता है साथ ही नई शुरुआत के लिए गणेश रूद्राक्ष बहुत भाग्यशाली माना जाता है। इससे आपके जीवन पथ की हर बाधा भी दूर हो जाती है।
शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएँ। पेड़ के चारों ओर सात बार परिक्रमा करें। “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए पेड़ की पूजा करें। यह उपाय सकारात्मक ऊर्जा लाता है और साढ़ेसाती के प्रभाव को कम करता है।
शनि की साढ़ेसाती के दौरान ज्योतिषी की सलाह पर नीलम रत्न धारण करें। इसे धारण करने से पहले इसे कुछ दिनों तक जांचें। नीलम रत्न केवल तभी पहनें जब यह आपकी कुंडली के अनुसार अनुकूल हो।
पति-पत्नी के बीच विश्वास की कमी है तो करवा चौथ के दिन आप एक लाल रंग के रेशमी कपड़े में दो गोमती चक्र और 50 ग्राम पीली सरसों बांध लें। इसके बाद एक कागज पर अपने पति का नाम लिखकर और उसे भी बांध दें। अब इस पोटली को कहीं ऐसी जगह छिपा दें जहां साल भर तक किसी की भी नजर इस पर ना पड़े। इस पोटली को अगले साल करवा चौथ पर खोलें। ऐसा करने से पति-पत्नी केबीच संबंध मजबूत होता है।
इस यंत्र को स्थापित करने से घर में धन और समृद्धि आती है। साथ ही आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है। यहीं से धन प्राप्ति के रास्ते खुलते हैं। इसके अलावा यह यंत्र व्यापारियों के लिए भी बहुत शुभ साबित होता है। कुबेर यंत्र को तिजोरी या अलमारी में रखना शुभ होता है। इसकी स्थापना से व्यापार में उन्नति होती है, पैसे की बचत होती है।