वसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान और मां सरस्वती का ध्यान करें। स्नान-ध्यान करने के बाद सरस्वती यंत्र के सामने दीप-धूप प्रज्जवलित करें। इसके बाद श्री सरस्वती यंत्र को गंगाजल और कच्चे दूध से अभिषेक करें। और 11, 21 या 51 बार श्री गायत्री मंत्र ‘ॐ वागदैव्यै च विद्महे कामराजाय धीमहि। तन्नो देवी प्रचोदयात्। का जाप करें।
शास्त्रों में बताया गया है है कि बसंत पंचमी के दिन व्यक्ति को भूलकर भी अपशब्द का प्रयोग नहीं करना चाहिए। वाद- विवाद से भी दूर रहना चाहिए। तामसिक भोजन न करें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर की दरिद्रता दूर करने के लिए हर रोज घर के उत्तर- पूर्व कोने में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से घर की सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है और आर्थिक स्थित मजबूत होती है।
रोजाना तुलसी के पौधे पर जल चढ़ाने और शाम को दीपक जलाने से मां लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है। धार्मिक मान्यता है कि इससे जीवन में कभी भी धन की तंगी का सामना नहीं करना पड़ता और जीवन भी सुख-सुविधाओं से भरपूर रहता है।
वास्तु शास्त्रो के अनुसार जिन घरों में हमेशा चीजें बिखरी हुई होती हैं वहां पर वास्तु दोष हो सकता है। इससे घर में आर्थिक परेशानियां और इसके साथ मानसिक परेशानियां भी हमेशा बनी रहती हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर के स्थान पर सबसे ज्यादा सकारात्मक ऊर्जा होती है। इसके अनुसार घर के मंदिर की दिशा ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व को सबसे शुभ होती है। ऐसे में अगर आपके घर का मंदिर दक्षिण या पश्चिम दिशा में है तो यह अशुभ होता है और इससे घर में वास्तु दोष पैदा होता है।
शास्त्रो के अनुसार गुरुवार का संबंध देव गुरु बृहस्पति से माना गया है। यदि किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति उच्च के होते हैं तो उसे हर तरफ उन्नति प्राप्त होती है। कुंडली में बृहस्पति को मजबूत करने के लिए पीले वस्त्र, पीले फल, पीली वस्तुओं और जनेऊ का दान करना सर्वोत्तम माना गया।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह का संबंध बुधवार से माना जाता है। बुध ग्रह को मजबूत करने के लिए भगवान गणेश की आराधना करनी चाहिए। इसके बाद लड्डू का भोग लगाकर दूर्वा अर्पित करनी चाहिए।
मंगल दोष का प्रभाव कम करने के लिए मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से मांगलिक दोष भी कम होता है। मंगल के लिए मंगलवार को शिवलिंग पर लाल मसूर चढ़ाएं। मंगल की पूजा शिवलिंग रूप में ही होती है। इस दिन शिवलिंग पर लाल गुलाब चढ़ाएं।
भगवान शंकर जी की सोमवार की पूजा करने से सभी ग्रह शांत होते हैं, लेकिन इसमें चंद्रमा प्रमुख होता है। चंद्र को भगवन शिव ने धारण भी किया है अत: इस कारण से शिव पूजा के साथ सोमवार को चंद्र की पूजा करनी चाहिए जिससे चंद्रमा कि शुभता भी प्राप्त होती है और व्यक्ति के जीवन में समृद्धि आ जाती है।