सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैरसुरैररमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।।
नवरात्र के नवमी तिथि को महानवमी के नाम से जाना जाता है।नवरात्र के आखिरी दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। नाम से ही स्पष्ट है सिद्धियों को देने वाली मां सिद्धिदात्री। इनकी पूजा से व्यक्ति को हर प्रकार की सिद्धि प्राप्त होती है।
श्वेते वृषे समरूढ़ा श्वेताम्बराधरा शुचि:।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा।।
नवरात्रि के आठवें दिन देवी मां के आठवें रूप महागौरी का पूजन किया जाता है। ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार देवी महागौरी द्वारा ही राहु ग्रह को नियंत्रित किया जाता हैं। ऐसे में देवी महागौरी की पूजा से राहु के बुरे प्रभाव कम हो जाते हैं।
एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता, लम्बोष्टी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।
वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा, वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी॥
नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। इनकी पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। सदैव शुभ फल देने के कारण इनको शुभंकरी भी कहा जाता है। मां कालरात्रि दुष्टों का विनाश करने के लिए जानी जाती हैं, इसलिए इनका नाम कालरात्रि है।
चंद्रहासोज्ज्वलकरा, शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यात्, देवी दानवघातनी।।
मां कात्यायनी क्रोध का वो स्वरूप है जो समस्त संसार की नकारात्मकता को समाप्त करके सकारात्मक ऊर्जा में परिवर्तित कर उसका समस्त संसार में प्रसार करती है। मां कात्यायनी सदैव अपने भक्तो पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखती है। अपने प्रत्येक सच्चे भक्त की हर मनोकामना मां सदैव पूरा करती है।
सिंहासनगता नित्यं पद्माञ्चित करद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
आज नवरात्रि के पांचवें दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। आज के दिन मां के मंत्र और महाउपाय करने से देवी का आशीर्वाद मिलता है, उनकी कृपा से सारे काम बन जाते हैं।
सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे।।
नवरात्र का आज चौथा दिन है। इस दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है। माना जाता है कि कूष्मांडा माता अपने भक्तों के सभी रोग हर लेती हैं। इस दिन बेहद साफ और पवित्र मन से मां कूष्मांडा देवी की पूजा करनी चाहिए।
पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।
मां चंद्रघंटा की पूजा और भक्ति करने से आध्यात्मिक शक्ति मिलती है। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि के तीसरे दिन जो भी मां चंद्रघंटा की पूजा अर्चना करता है, उसे माता की कृपा प्राप्त होती है।
दधाना करपद्माभ्यामक्षमालाकमण्डलु |
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा ||
दूसरे दिन मां के ब्रह्मचारिणी एवं तपश्चारिणी रूप को पूजा जाता है। देवी ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से मनुष्य में तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार, संयम की वृद्धि होती है।
आप सभी को नवरात्रि के प्रथम दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
वन्दे वांछितलाभाय चन्द्रार्धकृत शेखराम।
वृषारुढां शूलधरां शैलपुत्रीं यशस्विनीम्॥
नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। इस दिन मां शैलपुत्री को गाय के घी और दूध से बनी चीजों का भोग लगाना शुभ माना गया है। ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं।
आदिशक्ति देवी दुर्गा के प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की कृपा आप सभी पर सदैव बनी रहे।
कई बार व्यक्ति बहुत कमाता है लेकिन उसके हाथ में पैसे नहीं रुकते और इस वजह से हर वक्त जेब खाली रहती है। इससे बचने के लिये रात को सोते समय अपने सिरहाने पर एक तांबे का पात्र रखें और उसमें लाल चंदन डाल दें। इसके बाद अगले दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर पात्र का सामान तुलसी में अर्पित कर दें। इससे कभी धन की कमी नहीं होगी और घर में सुख समृद्धि बनी रहेगी।