गुरुवार का दिन देवों के गुरु बृहस्पति देव की आराधना का दिन माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में गुरु नीच या कमज़ोर स्थान में हो तो उसे अवनति मिलती है। इस दिन भगवान विष्णु को खीर का भोग लगाने से गुरु को मजबूती मिलती है। इस दिन मंदिर में पीली वस्तुओं, पीले रंग के वस्त्रों और जनेऊ का दान करें।
सुबह नहाने के बाद तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें तुलसी की पत्तियों डालें, और इस से घर के मुख्य द्वार और कमरों में छिड़काव करें। ऐसा करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा खत्म होगी और सुख समृद्धि का वास होगा।
यदि विवाह में देरी हो रही हो या विवाह से सम्बंधित अन्य समस्याएं बनी रहती हों तो, बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश को “ध्रुवा” की 11 गांठ हल्दी लगाकर चढाने से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती है।
भगवान शिव की जटाओं में निवास करने वाली माँ गंगा का जल यदि घर के पूजा स्थान पर रखा जाये तो घर में आ रही बाधाएँ समाप्त होती हैं, और जीवन में तरक्की एवं शौभाग्य की प्राप्ति होती है। ध्यान रखें कि गंगा जल को कभी भी प्लास्टिक की बोतल में ना रखें, यह जल ताम्बे के पात्र में ही रखना चाहिये।
शनिवार के दिन एक काला कोयला लेकर उसे बहते हुए जल में प्रवाहित करें। साथ ही ‘शं शनैश्चराय नमः’ मंत्र का जाप करें। इससे नौकरी मिलने में सफलता मिलेगी तथा आमदनी बढ़ेगी।
सुख-समृद्धि की प्राप्ति के लिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा में माता को कमल या गुलाब के फूल अर्पित करें।मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और तरक्की के योग बनते हैं ।
मंगलवार के दिन हनुमान जी के चरणों में तुलसी के पत्ते पर सिंदूर से श्री राम लिखकर उन्हें अर्पित करें। इस उपाय से बजरंग बली प्रसन्न होते हैं और भक्तों के सारे संकट दूर करते हैं। इस दिन हनुमान जी को बूंदी के लड्डू का भोग लगाने से भी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
सूर्यास्त के बाद गाय के घी का दीपक पूजा स्थल में जलाकर ईशान कोण में रख दें। दीपक जलाने के बाद घी में चुटकी भरी केसर भी मिला दें। पूजा स्थल पर श्रीयंत्र की स्थापना कर गाय के दूध से अभिषेक करें । अभिषेक वाले दूध से पूरे घर में छींटे मारे। ऐसा लगातार 5 शुक्रवार तक करने से माता महालक्ष्मी की कृपा से चारों दिशाओं से धन की आवक बढ़ने लग जाती है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल से भगवान शिव का अभिषेक करे और ऊँ नमः शिवाय का जाप करे और शाम को शिव मन्दिर में ग्यारह घी के दीपक जलाए और अगर किसी के शादी में रूकावट आ रही है तो शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढाए और माता पार्वती जी को श्रृंगार का सामान चढाए।
हर महीने के प्रथम सोमवार को अपने इष्टदेव का ध्यान करके, थोड़ी सी पीली सरसों को अपने ऊपर से 7 बार उल्टा घुमाकर घर से बाहर फेंक दें, रोग बीमारी आपके आसपास भी नहीं आएंगे।